भारत में खेती का चेहरा बदल रहा है। महंगी खाद और कीटनाशकों के झंझट से तंग किसान अब Zero Budget Natural Farming की ओर रुख कर रहे हैं। यह तकनीक बिना ज्यादा खर्च किए बेहतर उत्पादन और मिट्टी की सेहत बनाए रखने में मदद करती है।
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Representational Image |
Zero Budget Natural Farming क्या है?
Zero Budget Natural Farming (ZBNF) एक ऐसी देसी कृषि प्रणाली है जिसमें किसान बिना बाहरी निवेश, यानी बिना महंगे बीज, खाद या कीटनाशकों के खेती करते हैं। यह मॉडल सबसे पहले पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित सुभाष पालेकर ने लोकप्रिय किया।
ZBNF खेती की खासियत क्या है?
- खेती के लिए सिर्फ देसी गाय का गोबर और गौमूत्र प्रयोग होता है
- बीजों को रासायनिक उपचार की बजाय 'बीजामृत' से तैयार किया जाता है
- खेत की मिट्टी को उपजाऊ बनाए रखने के लिए 'जीवामृत' का उपयोग होता है
- खरपतवार और कीड़ों से बचाव के लिए 'अग्नि-अस्त्र' और 'ब्रम्हास्त्र' जैसी देसी तकनीकें अपनाई जाती हैं
Zero Budget Farming कैसे करें?
ज़रूरी सामग्री
- देसी गाय का गोबर और गौमूत्र
- नीम, लहसुन, हिंग, मिर्ची जैसी चीजें कीटनाशक के रूप में
- देशी बीज
- मुलचिंग (पौधों को ढकने की तकनीक)
- ड्रिप सिंचाई या देसी सिंचाई तकनीक
स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया
- बीज उपचार – बीज को 'बीजामृत' में भिगोकर तैयार करें
- मिट्टी उपचार – खेत में 'जीवामृत' डालकर मिट्टी को सक्रिय करें
- फसल की देखभाल – कीटों से बचाव के लिए प्राकृतिक कीटनाशक छिड़कें
- नमी बनाए रखना – खेत की नमी को बरकरार रखने के लिए मुलचिंग करें
जैविक खेती vs Zero Budget Farming
विशेषता | जैविक खेती | Zero Budget Natural Farming |
---|---|---|
लागत | थोड़ा अधिक | लगभग शून्य |
प्रमाणन की आवश्यकता | हाँ | नहीं |
बाज़ार | प्रीमियम, महंगा | लोकल स्तर पर आसान बिक्री |
तकनीक | आधुनिक/विदेशी पद्धति | पारंपरिक, देसी तकनीक |
Zero Budget Farming के फायदे
- खर्च में भारी कमी – खाद, कीटनाशक आदि की कोई लागत नहीं
- मिट्टी की सेहत सुधरती है – रासायनिक तत्वों के बिना मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है
- उपज में सुधार – कई किसानों ने बताया है कि पारंपरिक खेती की तुलना में उपज अच्छी रही
- स्वस्थ उत्पाद – रसायन मुक्त अनाज, सब्ज़ी और फल
किसानों की राय
रमेश यादव, भीलवाड़ा (राजस्थान):
"पहले रासायनिक खाद और कीटनाशक पर ही हजारों रुपये खर्च होते थे, लेकिन अब गाय के गोबर और गौमूत्र से सब चलता है। लागत घटकर नगण्य हो गई है।"
सीमा देवी, विदर्भ (महाराष्ट्र):
"हमने परीक्षण के तौर पर एक एकड़ ज़मीन पर Zero Budget Natural Farming अपनाया। उपज में बढ़ोत्तरी के साथ स्वाद भी बेहतरीन रहा। गाँव में लोग मुझसे टिप्स लेने आते हैं।"
Zero Budget Farming योजना
सरकार किसानों को Zero Budget Natural Farming अपनाने के लिए सहायता दे रही है। प्रमुख पहलें शामिल हैं:
जीरो बजट फार्मिंग प्रमुख सरकारी योजनाएं
- आंध्र प्रदेश मॉडल: 2016 से आंध्र प्रदेश सरकार ने ज़ीरो बजट फार्मिंग को बढ़ावा दिया, जिससे लाखों किसान जुड़े।
- PM-PRANAM योजना: रासायनिक खाद पर सब्सिडी घटाकर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना।
- कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) ट्रेनिंग: किसानों को मुफ्त प्रशिक्षण, वर्कशॉप और डेमो दिए जाते हैं।
किसान लाभ के लिए अपने नजदीकी कृषि अधिकारी या KVK केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।
किन फसलों के लिए उपयुक्त है यह पद्धति?
- दालें: चना, मूंग, अरहर
- सब्ज़ियाँ: भिंडी, लौकी, टमाटर
- अनाज: गेहूं, ज्वार, बाजरा
- फल: केला, पपीता, अमरूद
यह पद्धति खासकर छोटे और सीमांत किसानों के लिए फायदेमंद है, जिनके पास खेती के लिए सीमित संसाधन हैं।
Zero Budget Farming के कुछ चैलेंज
- शुरुआत में उपज में थोड़ी गिरावट हो सकती है।
- कुछ किसान रासायनिक खादों पर निर्भर नहीं हो पा रहे।
- प्राकृतिक उत्पाद के लिए सभी जगह प्रीमियम कीमत नहीं मिलती।
Zero Budget Natural Farming सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि किसानों की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मिट्टी, पर्यावरण और किसान तीनों का भला करता यह मॉडल "किसान से किसान तक" फैल रहा है।
क्या आपने भी ZBNF अपनाया या अपनाने की योजना बनाई है? नीचे कमेंट में अपने अनुभव साझा करें!